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घुटने के जोड़ के रोग
Knee-joint disease
विभिन्न औषधियों से चिकित्सा :-
1. ऐनाकार्डियम :- रोगी को ऐसा लगता है जैसे उसका शरीर किसी पट्टी में बंधा हुआ है, शरीर के किसी अंग को कसकर जकड़ा गया हो, ऐसा घुटनों पर अधिक होता है। रोगी के इस रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 6, 30 या 200 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। इस रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण रीढ़ की हड्डी का अधिक कमजोर हो जाना है लेकिन रोगी को ऐसा लगता है कि घुटने जवाब दे रहे हैं, वह मुश्किल से चल पाता है, उसे ऐसा लगता है कि घुटने पट्टी के द्वारा जोर से बांध दिए गए हैं। रोग के ऐसी अवस्था में इस औषधि से उपचार करने पर बहुत अधिक लाभ मिलता है। ऐनाकार्डियम औषधि का जोड़ों पर अधिक प्रभाव होता है। घुटने सूज जाते हैं और रोगी को ऐसा लगता है कि घुटने की हड्डी में जख्म है जिसके कारण से दर्द हो रहा है, इस प्रकार की अवस्था में ऐनाकार्डियम औषधि से उपचार करना चाहिए।
2. साइलीशिया :- रोगी के शरीर की कई हडि्डयां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं, रोग होने की इस प्रकार की अवस्था में चिकित्सा करने के लिए साइलीशिया औषधि की 30 या 200 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है। जब बच्चों की हडि्डयां, खासकर रीढ़ की हड्डी टेढ़ी पड़ जाए तब इस औषधि के द्वारा उपचार करना अधिक लाभदायक होता है। रीढ़ की हड्डी में लकवा जैसी लक्षण दिखाई दे तो भी इस औषधि से उपचार करना चाहिए। कूल्हे या घुटने के जोड़ की हड्डी के रोग में यदि फिश्चुला नासूर हो जाए, रोगी तपेदिक प्रकृति का हो तब इस औषधि का सेवन करना लाभकारी है। इस औषधि का उपयोग करने से पहले बीमारी के प्राकृतिक लक्षण को ध्यान में रखना जरूरी होता है जैसे- रोगी को पसीना अधिक आता है, अंगूठे तथा पैर की अंगुलियों में जख्म हो जाता है, उसमें दर्द होता है, कभी-कभी बगल से पसीना भी आता है। बच्चे की ग्रन्थियां सूजकर पक गई हो तो उसका उपचार करने के लिए इसका उपयोग फायदेमन्द है।
3. फासफोरस :- यदि इस रोग का उपचार साइलीशिया औषधि से करने पर अधिक लाभ न हो तो इस औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का उपयोग लाभकारी होगा। यदि रोगी के कूल्हे तथा घुटने की हड्डी के जोड़ पर दर्द है तो इसके प्रभाव से यह दर्द ठीक हो जाता है।
4. बेनजोइक एसिड :- घुटने पर सूजन होकर दर्द होना, घुटने की हड्डी में कड़कड़ की आवाज आना, अधिकतर दाएं घुटने की हड्डी से अधिक कड़कड़ की आवाजें होना। इस प्रकार के लक्षण होने के साथ ही रोगी के पेशाब से घोड़े की पेशाब की तरह बदबू आए तो रोगी के रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 3 या 6 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
5. कॉस्टिकम :- रोगी के हडि्डयों के छोटे जोड़ों में दर्द होने के साथ ही वात-व्याधि (रियूमेटिस्म) होने से तेज दर्द हो और चलते हुए घुटने में कड़कड़ाने की तरह दर्द हो तो चिकित्सा करने के लिए कॉस्टिकम औषधि की 30 या 200 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
6. बर्बेरिस वलगैरिस :- जब रोगी चलता है तो चल चुकने के बाद उसके घुटनों में दर्द होता है, देर तक बैठे रहने के बाद घुटनों का काम न कर पाना, घुटनों का कड़ा पड़ जाना, घुटनों में दर्द होना, ऐसा दर्द होता है मानों उन पर चोट लगी हो, घुटनों में अधिक तेज थकान महसूस होती है। रोगी के रोग की ऐसी अवस्था में उपचार करने के लिए बर्बेरिस वलगैरिस औषधि की मूल-अर्क या 6 शक्ति का उपयोग कर सकते हैं।
7. ऐग्नस कैस्टस :- घुटनों के जोड़ों में गठिया तथा जोड़ों के ठण्डा पड़ जाने पर इस औषधि की 3 या 6 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ होता है।
8. कार्बो-वेज :- घुटनों पर अधिक ठण्डापन महसूस होता है तथा रात के समय में ऐसा अधिक होता है। कूल्हों तथा घुटनों की हडि्डयों में खिंचाव आना, जलन होना, कूल्हे की हड्डी के जोड़, जांघ तथा घुटने की हड्डी में अकड़न होना आदि लक्षण होने पर चिकित्सा करने के लिए इस औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है।
9. कोक्कुलस इण्डीकस :- घुटने पर सूजन हो जाती है, घुटने की हड्डी का चलते समय कड़कड़ करना, अधिक कमजोरी होने के कारण घुटनों का जवाब देना। रोगी के रोग की ऐसी अवस्था में उपचार करने के लिए इस औषधि की 3, 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
10. कैलकेरिया आर्स :- रोगी के बायें घुटने की स्नायु में दर्द होना। पैरों में इतनी अधिक कमजोरी महसूस होती है कि रोगी लंगड़ाने लगता है और जिसके कारण उसे पैरों को घसीटकर चलना पड़ता है, वृद्धावस्था में इस प्रकार के लक्षण अधिक होते हैं। रोगी के रोग के ऐसी अवस्था में रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का उपयोग लाभकारी होगा।
11. ब्रायोनिया :- घुटनें में दर्द होना, अकड़न होना, घुटने सूजकर लाल होना, चलने-फिरने में तेज दर्द होना, चलते हुए लंगड़ाना, घुटनों से लेकर पिण्डलियों तक दर्द फैलना। पैरों को चलाने से दर्द तेज हो जाता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के लिए 30 या 200 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
12. रस टॉक्स :- रोगी को ऐसा महसूस होता है मानो कि घुटने की पेशियां छोटी हो गई हो, इस कारण से चलने में पैरों को खींचना पड़ता है। कुछ देर आराम करने या सुबह के समय में उठने पर घुटनों में अकड़न होने के साथ ही दर्द होता है जो चलने-फिरने से दर्द दूर हो जाता है। पैरों को चलाने से रोग के लक्षणों में कमी आती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 30 या 200 शक्ति का उपयोग फायदेमन्द होता है।
13. डायोस्कोरिया :- रोगी के घुटनों में लंगड़ापन, तेज दर्द, अधिक कमजोरी महसूस होती है। घुटने में कड़कड़ होती है। इस प्रकार के रोग के लक्षण को दूर करने के लिए इस औषधि की 3 शक्ति से उपचार करना लाभकारी होता है।
Knee Joint diseases
Knee-joint disease
Therapy from various drugs :-
1. Anacardium :- the patient feels as if his body is bound in a strip, a body of the body has been tightly tight, it is more on the knees. Using a amount of 6, 30 or 200 strength of this medicine to cure the patient's disease. The most prominent cause of this disease is to become more vulnerable to the spine, but the patient feels like the knee is responding, he barely runs, he looks like he tied up loud by the knee bar. Have gone. In this case, the drug can benefit from treating the drug. Anacardium medicine has a greater effect on the joints. The knee is dry, and the patient feels that there is a knee injury that causes pain, in this type of condition, it should be treated with anacardium medicine.
2. Cylicia :- many diseases of the patient's body become tilted, using 30 or 200 power of cylicia medicine to cure at this type of disease. Is it. It is more beneficial to treat the medications when children have been tilted, especially the spine. It should be treated with this medicine even if there are symptoms like paralysis in the spine. It is beneficial to use the drug in the hip or knee joint disease, if the disease occurs in the hip or knee joint disease. Before using this medicine, it is necessary to take care of the natural symptoms of the disease, as the patient gets more sweat, the thumb and the fingers of the toes, it hurts, sometimes the sweat from the side is also possible. It comes. If the baby's glands are dried up, the use of it is useful to treat them.
3. Phosphorus :- the use of 30 power of this medicine will be beneficial if it does not have much benefit on treating the disease with cilicia medicine. If there is a pain in the patient's hip and knee joint, the effect will cause the pain to heal.
4. Benzoic Acid :- swelling of the knee, the knee of the knee, the knee of the knee, most of the right knee bone sounds. In addition to this type of symptoms, the patient's urine smells like a horse urine, then the use of 3 OR 6 power of this medicine is more beneficial to cure the patient's disease.
5. Costicum :- the pain in small joints of the patient has a severe pain, as well as a severe pain in the walking knee, and the knee pain like a severe knee pain can be used to cure treatment. Or consumption of 200 power gets more benefit.
6. Berberis Valgaris :- When the patient runs, his knees have pain in his knees after walking, do not be able to do the knees after sitting for a long time, the knees are hard, the knee pain, the pain in the knees, such a pain It happens as if they are hurt, the knees feel faster. Berberis Valgaris can use the basic-Extract or 6 power of valgaris to treat in such a condition of the patient's disease.
7. Agnus Castes :- the use of 3 OR 6 strength of this medicine is more beneficial than the use of arthritis and joints in the knee joints.
8. Carbo-Veg :- There is a feeling more vandalism on the knees and it is more at night time. 30 strength of this medicine can be used to treat if there is symptoms in the hips and knee bones, irritation, hip joints, thigh, and knee bones, etc.
9. Cokkulas Indicus :- it gets swelling on the knee, bitter while walking the knee bone, responding to the knees due to more weakness. The use of this medicine can benefit from using 3, 30 strength of the drug to treat in such a condition of the patient's disease.
10. Calkeria ARS :- Patient's left knee ligaments. The Feet feel so much weakness in the feet that the patient seems to be lappled and that he has to walk by drag the feet, this type of symptoms are higher in aging. It will be beneficial to use the amount of 3 strength of the drug to cure the disease in such a condition of the patient's disease.
11. Brayonia :- pain in knee, tipping, knee dry, sharp pain in walking, knee pain in walking, knee-to-knees, spread pain from knees to the knees. By running the feet, the pain becomes fast. This type of symptoms can benefit from using 30 or 200 power to heal the disease.
12. Juice talks :- the patient feels as if the knee legs have been short, this has to pull the feet in the walk. When you rest or wake up in the morning, there is only pain in the knees, the pain that goes away from walking and going to the morning. Running the legs can decrease the symptoms of the disease. The use of 30 or 200 power of the drug is benefit to cure a patient with this type of symptoms.
13. Diyoskorea :- the patient's knees, sharp pain, feel more weakness. There is a bitter in the knee. It is beneficial to treat the symptoms of this type of disease in order to relieve the symptoms of this type of disease
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